ABHIJIT RANJAN

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लेखनी कहानी -28-Dec-2021

कभी यादों में,कभी ख्वाबों में
बसा तू मेरे आंखों में
दिल की तन्हाई को
मुकम्मल जिंदगी मिल गई
खुशी मिल गई।।

प्यार  की खातिर...
तुम्हारी सभा में हूं हाज़िर ,
जनाब मुझे ख्वाबों की दुनिया में
मुकम्मल जिंदगी मिल गई
खुशी मिल गई है।।

कभी यादों में,कभी ख्वाबों में
बसा तू मेरी आंखों में
यादों में......
वादों में......
ये कैसी मुलाकात हुई
बिन पानी बरसात हुई।।

कभी यादों में,कभी ख्वाबों में
ये कैसी बेदर्दी है
सांसों में तो सर्दी है
तू पहना जो वर्दी है
ये कैसी मुलाकात हुई
बिन बादल चांदनी रात हुई।।

कभी यादों में,कभी ख्वाबों में
कभी यादों में,कभी ख्वाबों में
कभी यादों में,कभी ख्वाबों में।।(Abhijit Ranjan)


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